Thursday, May 15, 2008

कब थमेगी सियासत बेजुबान लाशों पर ?

- विवेक सत्य मित्रम्
मंगलवार की काली शाम ने गुलाबी नगरी की फिजां को लाल कर दिया। दहशत और खौफ की जो दास्तान लिखी गई.. उसकी जवाबदेही लेने को कोई तैयार नही है। वसुंधरा राजे से लेकर लालकृष्ण आडवाणी तक.. हर कोई ताक में है सियासी माइलेज लेने के... और तैयारी की जा रही है सरकार को चारों खाने चित्त करने की...। दूसरी ओर हमेशा की तरह यूपीए सरकार के पास कहने को ज्यादा कुछ भी नहीं है। उसे हर वक्त यही चिंता खाए जाती है कि कहीं किसी मुद्दे का फायदा बीजेपी ना उठा ले जाए...। लिहाजा मरने वालों और जख्मी लोगों के प्रति अपनी संवेदना जताने में वो भी पीछे नहीं रहना चाहती। जहां तक बात है आंतरिक सुरक्षा के मामले पर बुरी तरह फेल होने की तो गृह मंत्री शिवराज पाटिल के पास वही रटा रटाया जवाब मौजूद है। अगर आप तमाम आतंकवादी हमलों के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया पर नजर डालेंगे तो आपको पता चलेगा कि मिस्टर पाटिल के अल्फाज भी नहीं बदलते...। उसी घिसे पिटे अंदाज में पूरी बेशर्मी के साथ वो बोल पड़ते हैं...खुफिया एजेंसियां अपना काम कर रही हैं.. बहुत जल्द पता चल जाएगा.. इन वारदातों को किसने अंजाम दिया.. और आलम ये है कि महीनों बीतने के बाद भी तमाम वारदातों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई.. आम आदमी तो भूल ही गया...सरकार भी भूल गई.. यूपीए सरकार ने सत्ता में आते ही पोटा खत्म कर दिया.. कहा गया पोटा का तमाम मौकों पर बेजा इस्तेमाल हुआ है.. चलिए मान लेते हैं कि पोटा कानून खत्म करने में कोई हर्ज नहीं है.. लेकिन प्रभु गृह मंत्रालय जैसा महकमा संभालने के बाद बनने वाली जवाबदेही किसकी है.. आम आदमी के वोट से सुरक्षित किलों में बैठकर मलाई काटने वाले तमाम सियासतदान तो हमेशा महफूज रहते हैं... उन्हें कोई आतंकवादी संगठन निशाना क्यों नहीं बना पाता.. जाहिर है.. सामान्य हालात में भी ये महानुभाव वाई.. जेड..और जेड प्लस जैसी श्रेणियों की सुरक्षा व्यवस्था में रहते हैं.. लेकिन जब बात आती है आम आदमी की हिफाजत की तो मुल्क के भूगोल और आतंकवादियों के दुस्साहस का हवाला देकर... खानापूर्ति करने में इन्हें थोड़ी भी देर नहीं लगती... शर्म आती है हमे इस देश पर... जहां के सियासतदान लाशों पर सियासत करने से भी बाज नहीं आते... और सरकारें जिम्मेदारी लेने के बजाए... अपनी कुरस्ी बचाने में लगी रहती हैं... वाह रे ... भारत देश.. और वाह रे भाग्य विधाता नेता.....

1 comment:

Vivek Kumar "विवेक" said...

rajniti ke dalalo ka to yahi hal hai .. aaj ke rajneta to esi ki khate ki . media walo ko dekhte hi ek lambi si byte de dena enaka param kartavya ho jata baki kuch nahi....