Thursday, January 31, 2008
राज नेता अपना विश्वास खो चुके है......
राजनीति से नीति और नैतिकता गायब हो गयी ,भ्रष्टाचार शिष्टाचार में प्रवर्तित हो चुका है ,उदारीकरण तुष्टिकरण में बदल गया है बापू के घर गोधरा बन गया .जिनके कंधो पर सुरक्षा की जिम्मेदारी है वे स्वयं असुरक्षित है संसद भी घायल हो चुकी .उ.प्र बिहार दिल्ली आसाम पंजाब महाराष्ट्र गुजरात राजस्थान समेत सभी पूर्वोत्तर राज्यों में आतंकवादी नक्सल गतिविधिया चरम पर है सीमा पर हमारे जवान सरकार की गलत नीतियों के कारन शहीद हो रहे है . कैसे बंद होगा ये सब ?ये क्रांति कौन लाएगा ?जनता को तो केवल अब मिडिया न्यायालय तथा चुनिंदा समर्पित अधिकारियो से ही उम्मीद है . क्योकि - राज नेता अपना विश्वास खो चुके है ........
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