- सौदामिनी
( ब््लाग शुरु होने पर पहली बधाई सौदामिनी की ओर से आई थी। लेकिन शायद वक््त की कमी की वजह से कोई लेख नहीं लिख पाईं। फिलहाल वो सबसे तेज चैनल की शोभा बढ़ा रही हैं। एक इंसान के तौर पर िजतना मैं जानता हूं उन््हें तिकड़म और दांव पेंच से अक््सर परेशान करते हैं। उन््हें दुनिया और समाज की ये हकीकत भी परेशान करती है कि दुनिया में हर तरह के लोग होते हैं...अच््छे और बुरे। ये लेख शायद अपने अच््छे बुरे तजुर््बों की जमीन पर ही लिखा गया है। उम््मीद है आपको उनकी साफगोई पसंद आएगी....- मेन माडरेटर , ऑफ द रिकॉर््ड )
आफ द रिकार्ड पढ़ने वालों को नया साल बहुत-बहुत मुबारक हो। जनाब एक और साल बीत गया और छोड़ गया ढेर सारे लम्हे हमारी यादों की आर्काइवल लाइब्रेरी में। और यादों में कौन कौन से वाकये- फलां जगह तनाव फैल गया, यहां हिंसा की इतनी वारदातें हुईं, यहां महिलाओं के अधिकारों का हनन हुआ, यहां इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ, यहां स्टिंग आपरेशन से फलां-फलां का पर्दाफाश हुआ और इतनी सारी नेगेटिव ख़बरें कि आप कह दें कि अमा यार कोई नई बात बताओ। यूं तो वक्त इतनी तेज़ी से बीतता है कि हमें पता ही नहीं चलता कि कब नया साल शुरू हुआ और कब बीत गया। लेकिन इस बीच हम अगर कोई चीज़ सबसे ज्यादा महसूस करते हैं तो वो है खुद का जीने के लिए संघर्ष। सामने कई तरह की चुनौतियां लेकिन चेहरे पर मधुर मुस्कान लिए हुए, विरोधियों के हर छोटे-बड़े वार का बखूबी सामना करते हुए, कड़वे तजुर्बों से सबक लेते हुए हम हर पल इस ज़िंदगी की पाठशाला में एक क्लास पास करते जाते हैं और इस तरह हमारे अंदर जन्म लेती है सहनशीलता और सहृदयता जो किसी भी तरह की पीड़ा का ज़बरदस्त काट है। ज़िंदगी हर पल हमें कुछ न कुछ सिखाती है और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। अच्छा हो या बुरा, हर समय बीत जाता है। यादों के खज़ाने में ढेर सारे हीरे जवाहरात जमा होते रहते हैं और यही हैं हमारी असल पूंजी जो ताउम्र हमारे साथ रहती है, चाहे हम जिस भी हाल में रहें। हमारे ढेर सारे दोस्त, हमारे शुभचिंतक जो जाने अंजाने हम से दूर चले जाते है और न जाने कितने अंजान लोग जो हमारे दिलों में घर बना लेते हैं, इन्हीं ढेर सारे लोगों की मीठी यादों को हम बरसों संजो कर रखते हैं और भविष्य के लिए खुद को तैयार करते हैं। जिंदगी हमें एक ही बार मिलती है, ये जैसी भी है बेशकीमती है और इसका हर पल हमें पूरी शिद्दत के साथ जीना चाहिए।
( ब््लाग शुरु होने पर पहली बधाई सौदामिनी की ओर से आई थी। लेकिन शायद वक््त की कमी की वजह से कोई लेख नहीं लिख पाईं। फिलहाल वो सबसे तेज चैनल की शोभा बढ़ा रही हैं। एक इंसान के तौर पर िजतना मैं जानता हूं उन््हें तिकड़म और दांव पेंच से अक््सर परेशान करते हैं। उन््हें दुनिया और समाज की ये हकीकत भी परेशान करती है कि दुनिया में हर तरह के लोग होते हैं...अच््छे और बुरे। ये लेख शायद अपने अच््छे बुरे तजुर््बों की जमीन पर ही लिखा गया है। उम््मीद है आपको उनकी साफगोई पसंद आएगी....- मेन माडरेटर , ऑफ द रिकॉर््ड )
आफ द रिकार्ड पढ़ने वालों को नया साल बहुत-बहुत मुबारक हो। जनाब एक और साल बीत गया और छोड़ गया ढेर सारे लम्हे हमारी यादों की आर्काइवल लाइब्रेरी में। और यादों में कौन कौन से वाकये- फलां जगह तनाव फैल गया, यहां हिंसा की इतनी वारदातें हुईं, यहां महिलाओं के अधिकारों का हनन हुआ, यहां इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ, यहां स्टिंग आपरेशन से फलां-फलां का पर्दाफाश हुआ और इतनी सारी नेगेटिव ख़बरें कि आप कह दें कि अमा यार कोई नई बात बताओ। यूं तो वक्त इतनी तेज़ी से बीतता है कि हमें पता ही नहीं चलता कि कब नया साल शुरू हुआ और कब बीत गया। लेकिन इस बीच हम अगर कोई चीज़ सबसे ज्यादा महसूस करते हैं तो वो है खुद का जीने के लिए संघर्ष। सामने कई तरह की चुनौतियां लेकिन चेहरे पर मधुर मुस्कान लिए हुए, विरोधियों के हर छोटे-बड़े वार का बखूबी सामना करते हुए, कड़वे तजुर्बों से सबक लेते हुए हम हर पल इस ज़िंदगी की पाठशाला में एक क्लास पास करते जाते हैं और इस तरह हमारे अंदर जन्म लेती है सहनशीलता और सहृदयता जो किसी भी तरह की पीड़ा का ज़बरदस्त काट है। ज़िंदगी हर पल हमें कुछ न कुछ सिखाती है और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। अच्छा हो या बुरा, हर समय बीत जाता है। यादों के खज़ाने में ढेर सारे हीरे जवाहरात जमा होते रहते हैं और यही हैं हमारी असल पूंजी जो ताउम्र हमारे साथ रहती है, चाहे हम जिस भी हाल में रहें। हमारे ढेर सारे दोस्त, हमारे शुभचिंतक जो जाने अंजाने हम से दूर चले जाते है और न जाने कितने अंजान लोग जो हमारे दिलों में घर बना लेते हैं, इन्हीं ढेर सारे लोगों की मीठी यादों को हम बरसों संजो कर रखते हैं और भविष्य के लिए खुद को तैयार करते हैं। जिंदगी हमें एक ही बार मिलती है, ये जैसी भी है बेशकीमती है और इसका हर पल हमें पूरी शिद्दत के साथ जीना चाहिए।
No comments:
Post a Comment