मांग उठ रही है बजरंगियों पर बैन लगाने की...मु्द्दे पर सबसे ज्यादा हो-हल्ला मचा रहे हैं सियासी गलियारों में दलाली के झंडे बुलंद करने वाले...राष्ट्रीय एकता परिषद की मीटिंग क्या गुल खिलाने वाली है..ये तो शाम तक पता चल जाएगा...फिलहाल अटकलों का बाजार गर्म है कि बजरंग दल पर बैन लग जाएगा...लेकिन जैसा कि पिछली बार कैबिनेट मीटिंग में ये विचार केवल एक विचार बन कर ही रह गया..बहुत मुमकिन है कि इस बार भी मामला टांय-टांय फिस्स हो जाए...तर्क दिया जा रहा है कि जैसे सिमी पर बैन
लगा वैसे ही बजरंग दल पर भी लगना चाहिए...यहां सवाल ये खड़ा होता है कि सिमी और बजरंग दल में कैसी समानता है...दोनों ही संगठन कट्टर माने जाते हैं...एक मुस्लिम कट्टरपंथी तो दूसरा हिंदू कट्टरपंथी...लेकिन जिस तरह की आतंकी वारदातें सिमी ने अंजाम दी हैं...क्या उस तरह का एक भी कारनामा बजरंग दल के नाम है !!कहने वाले कहेंगे कि हां है, परभणी,नांदेड़ और दूसरी कई जगहों पर मसजिद को बम से उ़डाने की साजिश...कानपुर में बम बनाते पकड़े गए दो बजरंग दल कार्यकर्ता...(नाम याद नहीं आ रहा)...या इससे भी पेट भी नहीं भरा तो गड़े मुर्दे उखाड़कर बजरंग दल को आतंकवादी करार दे देंगे...कहेंगे बाबरी मसजिद किसने गिरवाई...ग्राहम स्टेंस और उसके दो मासूम बेटों का कत्ल किसने करवाया...और भी ढेर सारे इल्जाम लगा दिए जाएंगे...लेकिन जिस तरह हिंदू ही नहीं किसी भी मजहब के आदमी के दिल में सिमी या इंडियन मुजाहिद्दीन का केवल नाम ही दहशत पैदा कर देता है...क्या वैसा डर बजरंग दल का नाम सुनकर किसी मुसलमान के दिल में पैदा होता है...अगर हां तब तो लगा देना चाहिए..बजरंग दल पर भी प्रतिबंध...लेकिन नहीं, तब तो ये सरासर ज्यादती होगी बजरंग दल के साथ...अगर मान लें कि राष्ट्रीय एकता परिषद की मीटिंग के बाद बजरंग दल पर प्रतिबंध लग ही जाता है...तो पहले तो बजरंग दल सड़कों पर उतर आएंगे..भयंकर विरोध करेंगे...प्रतिबंध लग जाने के बाद पुलिस इन कार्यकर्ताओं को पकड़कर जेल में बंद कर देगी...लेकिन यहां पर हमारे सियासी विचारक सिमी से इसकी एक समानता भूल जा रहे हैं...क्योंकि जैसे सिमी ने नाम बदल लिया और भूमिगत होकर काम कर रहे हैं....खतरनाक धमाकों को धमकाकर अंजाम दे रहे हैं वैसे ही बजरंग दल वाले भी तो कर सकते हैं....
लगा वैसे ही बजरंग दल पर भी लगना चाहिए...यहां सवाल ये खड़ा होता है कि सिमी और बजरंग दल में कैसी समानता है...दोनों ही संगठन कट्टर माने जाते हैं...एक मुस्लिम कट्टरपंथी तो दूसरा हिंदू कट्टरपंथी...लेकिन जिस तरह की आतंकी वारदातें सिमी ने अंजाम दी हैं...क्या उस तरह का एक भी कारनामा बजरंग दल के नाम है !!कहने वाले कहेंगे कि हां है, परभणी,नांदेड़ और दूसरी कई जगहों पर मसजिद को बम से उ़डाने की साजिश...कानपुर में बम बनाते पकड़े गए दो बजरंग दल कार्यकर्ता...(नाम याद नहीं आ रहा)...या इससे भी पेट भी नहीं भरा तो गड़े मुर्दे उखाड़कर बजरंग दल को आतंकवादी करार दे देंगे...कहेंगे बाबरी मसजिद किसने गिरवाई...ग्राहम स्टेंस और उसके दो मासूम बेटों का कत्ल किसने करवाया...और भी ढेर सारे इल्जाम लगा दिए जाएंगे...लेकिन जिस तरह हिंदू ही नहीं किसी भी मजहब के आदमी के दिल में सिमी या इंडियन मुजाहिद्दीन का केवल नाम ही दहशत पैदा कर देता है...क्या वैसा डर बजरंग दल का नाम सुनकर किसी मुसलमान के दिल में पैदा होता है...अगर हां तब तो लगा देना चाहिए..बजरंग दल पर भी प्रतिबंध...लेकिन नहीं, तब तो ये सरासर ज्यादती होगी बजरंग दल के साथ...अगर मान लें कि राष्ट्रीय एकता परिषद की मीटिंग के बाद बजरंग दल पर प्रतिबंध लग ही जाता है...तो पहले तो बजरंग दल सड़कों पर उतर आएंगे..भयंकर विरोध करेंगे...प्रतिबंध लग जाने के बाद पुलिस इन कार्यकर्ताओं को पकड़कर जेल में बंद कर देगी...लेकिन यहां पर हमारे सियासी विचारक सिमी से इसकी एक समानता भूल जा रहे हैं...क्योंकि जैसे सिमी ने नाम बदल लिया और भूमिगत होकर काम कर रहे हैं....खतरनाक धमाकों को धमकाकर अंजाम दे रहे हैं वैसे ही बजरंग दल वाले भी तो कर सकते हैं....
2 comments:
सही कहा आपने . बजरंग दल की सिमी से तुलना करना ग़लत है . कम से कम वे देश विरोधी गतिविधियों मैं ताओ शामिल नही . सिर्फ़ संगठन के नाम पर प्रतिबन्ध लगाने से क्या होगा .
जैसे सिमी ने नाम बदल लिया और भूमिगत होकर काम कर रहे हैं....खतरनाक धमाकों को धमकाकर अंजाम दे रहे हैं वैसे ही बजरंग दल वाले भी तो कर सकते हैं....आपने बिल्कुल गलत कहा ...वे ऐसा नहीं कर सकते हैं .....क्योंकि उनके संस्कार अलग हैं .....कभी गुस्से में आकर थोड़ी देर के लिए कुछ गड़बड़ी कर दें.... पर होश में उन्हें पश्चाताप ही होगा.... होश में वे यह सब नहीं कर सकते।
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