Saturday, September 20, 2008
जांबाजी कही बिकती नही .....
जोश, जज्बा और देशभक्ति कही से खरीदी नही जाती .....ये पैदा होती है अपने देश की मिटटी के जुडाव से .....ये पैदा होतो है अपने परिवार के संस्कारो से ......दिल्ली पुलिस के जांबाज पुलिस इंस्पेक्टर शहीद मोहन चंद शर्मा को शत - शत नमन....जनवरी २००८ को राष्ट्रपति द्वारा मैडल लेते समय देखने वालो में कोई यह नही सोचा होगा की यह उनके लिए आखिरी मैडल होगा ....लेकिन आज यह सही है .....कारगिल हो या फ़िर कोई और जंग या कोई पुलिसिया मुठभेड़ हर जगह ये आतंकवादी या क्रिमिनल मरते है तो अखबार , न्यूज़ चैनल अपनी भड़ास निकालने पहुच जाते है ...स्टोरी बानाने का सिलसिला चल पड़ता है .....लोग भीड़ बढाते है नारे बाजी करते है ..स्थानीय भी राजनीतिक रोटी सेकने पहुच जाते है .....आज एक पुलिस का जवान शहीद हुआ है ....खबरों में इनकी शहादत को तव्वजो दी गई है लेकिन शायद इससे ज्यादा तव्वजो दी गई है उस ख़बर को जो मुठभेड़ से जुदा था ...हर पत्रकार बंधू अपने अखबार या चैनल के लिए सबसे पहले ब्रेकिंग करना चाहता था ....शायद नौकरी के लिए यह जरुरी भी था........निवेदन है इन पत्रकार भाइयो से की इस जांबाज इंस्पेक्टर के परिवार की स्थिति के बारे में भी कुछ दिखाए ....
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5 comments:
धन्यवाद. हमें भी इस वीर देशभक्त के बारे में और जानने की उत्सुकता है.
शहीद मोहन चन्द शर्मा जी को नमन एवं श्रृद्धांजलि!!!
वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.
डेश बोर्ड से सेटिंग में जायें फिर सेटिंग से कमेंट में और सबसे नीचे- शो वर्ड वेरीफिकेशन में ’नहीं’ चुन लें, बस!!!
udan ji thanx for suggetion ...
डेश बोर्ड से सेटिंग में जायें फिर सेटिंग से कमेंट में और सबसे नीचे- शो वर्ड वेरीफिकेशन में ’नहीं’ चुन लें, बस!!!
लहू कैसे बहाया जाए ये लीडर बताते हैं...
लहू का स्वाद क्या है ये तो बस खादी बताती है...
श्रद्धांजलि अर्पित करिए...और काम पर चलिए... ये नपुंसक लोगों का दौर है... शारीरिक रूप से भी...और मानसिक रूप से भी... कुछ अपनी संवेदनाएं जाहिर कर मुक्त हो गए...हम और आप लिख कर मुक्त हो गए... इतिश्री हो गई क्या....? या कुछ और भी कर सकते हैं...?
मिथिलेश सिंह
yeh baat sach hai ki jaanbaji bikti nahin, par jis tarah ki khabar hum padh rahe hain aur jis tarah ki khabar urr rahi hai ki Inspector saheb ko goli nahin lagi, woh cardiac arrest ki wajah se Duty par shahid ho gaye...
Toh humein apne blog mein ish baat ko bhi sahi tareke se shamil karna chahiye. jo sach hai...aur sahi hai..uska bakhaan karne mein koi parhez nahi hona chahiye.
Hum sab log jab us pariwaar ko shradhanjali dein toh Dil se dein...sirf lip service na karen.
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