वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री बनीं मायावती की नज़रें अब दिल्ली की सत्ता पर टिकी हैं. पिछले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चौराहों पर इश्तहारों के बड़े-बड़े बोर्ड नज़र आने लगे हैं. इन इश्तहारों में मायावती का हँसता हुआ चेहरा दिखाई पड़ता है. बोर्ड पर लिखा है - "हमारी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सरकार अन्य पार्टी की सरकारों से अलग है. जहाँ अन्य पार्टियाँ सिर्फ़ वादे करती हैं, हम जो कहते हैं उन पर अमल भी करते हैं." इन इश्तहारों में सरकार की पिछले छह महीनों की उपलब्धियों के ब्यौरे भी दर्ज हैं. मायावती तीन बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं लेकिन पूर्ण बहुमत के अभाव में उनकी सरकार कभी भी पाँच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई. मायावती के ज्यादातर समर्थक गाँवों के ग़रीब लोग हैं जो मीडिया से प्रभावित नहीं होते. इन आलोचनाओं से बेख़बर मायावती इनके लिए लोकप्रिय नेता है. लखनऊ में जो इश्तहार लगे हैं उसे कार से चलने वाले लोग भले ना पढ़ें लेकिन साइकिल सवार या पैदल चलने वाली जनता की निगाहें इन पर ज़रूर जाएगी.
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