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सबसे बड़ा उत्तर प्रदेश अब शायद नहीं रहेगा.....क्योकि अब इसका बटवारा होने वाला है , इसको अलग करने के लिए मायावती ने केन्द्र को एक पत्र लिख भेजा ..अब बुंदेलखंड , पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश नाम से तीन नए राज्य बनेगे .. अगर केन्द्र इस पर सविंधान के अनु0 ३ के तहत प्रक्रिया शुरू करता है तो इसकी कवायद शुरू हो जायेगी .............
१) इससे सबसे पहले तो क्षेत्रीयता हावी हो जायेगी जिसका की हम लोग विरोध करते है जैसा की महाराष्ट्र में हुआ है .....
२) तमाम नयी पार्टिया बनेंगी जातिगत राजनीती अपने चरम पर होगी...
लेकिन इसका दूसरा सकारात्मक पहलू ये है की इस प्रयास से उत्तर प्रदेश के सभी जगहों में विकाश संभव हो पायेगा जिसकी सबसे अधिक जरुरत है ...शिक्षा के उचित उपाय हो जायेंगे .. ‘‘चूंकि राज्य सरकार ने अपना प्रस्ताव भेज दिया है इसलिए गेंद अब केन्द्र के पाले में है कि वह तय करे कि उत्तर प्रदेश से अन्य राज्य गठित किये जाएं।’’