अभी हाल में ही समाचार आया था की आडवानी जी सेक्युलर है (उनके हिसाब से)...... उसका उदाहरण उनका जिन्ना साहब के मजार पर जाना .....क्या आडवानी जी ऐसे शब्दों का प्रयोग प्रधानमंत्री बनने के लिए कर रहे है , प्रधानमंत्री बनने के लिए जिन लीडरों ने अपने पंजो को तेज कर लिए थे उनमें मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह और आडवानी तो शामिल थे ही बाद में नरेन्द्र मोदी का नाम भी उस फेहरिस्त में जुड़ गया था। प्रधानमंत्री के ओहदे के सबसे मजबूत उम्मीदवार आडवानी के लिए उस वक्त मुसीबत खड़ी हो गई थी जब उन्होंने पाकिस्तान के जिन्ना को एक सेक्युलर लीडर करार देते हुए उनकी तारीफ की थी। उसके बाद आडवानी को आरएसएस के दबाव में पार्टी की अध्यक्ष पद इस्तीफा देना पड़ा था। तब ऐसा लगा था कि आडवानी प्रधानमंत्री की दौड़ से बाहर हो चुके हैं....
हमें लगता है की भारतीय जनता पार्टी जो राम नाम का झंडा लिए फिरती है उसमे सेक्युलारिस्म कभी आ पायेगी ??????????
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