Tuesday, November 10, 2009

ये शीला तूने क्या किया...




दो तीन दिन पहले दिल्ली की बसो में सफर करते हुए अचानक सुनने को मिला कि अब पांच रूपये की जगह दस रूपये का टिकट लगेगा....भाई मैंने पूछा क्या बात है तो जवाब मिला कि शीला का एलान है टिकट तो लगेगा ही....भाई मैंने फिर पूछा कि क्या इसीलिये सरकार बनवाया गया था...फिर जवाब आया टिकट लेले ...कानून ना समझा...खैर किसी तरह मन मसोस कर पैसा निकाला और बरबस मुंह से निकल आया कि ये शीला तूने क्या किया.........
डीटीसी बसो का किराया बढ़ाने के पीछे शीला की दलील थी कि हर महीने डीटीसी घाटे में जा रही थी .....इसलिये किराया बढ़ाना लाजिमी है...भाई हम पूछते है कि पचास परसेन्ट बढ़ाना तो लाजिमी नहीं था...एक रूपया बढ़ाओ दो रूपया बढ़ाओ एक साथ पांच रूपया बढ़ाने के पीछे क्या वजह थी....खैर जहां पंद्रह से बीस रूपये में ऑफिस पहुंचा करते थे अब वो दायरा पच्चीस से तीस रूपये तक पहुंच गया है....दिल्ली में बढ़ रही महंगाई के पीछे कॉमनवेल्थ गेम में हुए खर्च को जोड़ के देखा जा रहा है ...लेकिन यहां पर सबसे बड़ा सवाल ये निकल के आ रहा है कि आखिर हम सरकार चुनते क्यों है....क्या इसीलिये कि जब भी जहां पर ज्यादा खर्च हो वहां पर भरपाई के लिये हर चीज को मंहगी कर दे....आखिर इसी दिन के लिये सरकार को चुना जाता है....नब्बे रूपये दाल तीस का आलू चालीस की चीनी... आटे का भाव पता नही कहां जा पहुंचा हैं.....दिल्ली में इतनी आसानी से मंहगाई को सरकार बढ़ा देती है कोई विरोध करने को आगे आता ही नहीं क्या दिल्ली वालो को सांप सूघ गया है....या फिर विपक्ष नकारा हो गया है......
मैट्रो का किराया अभी बाकी है दोस्त..........
आपका विवेक

4 comments:

Mithilesh dubey said...

हम गरिबो का क्या होगा भगवान ही जांने।

परमजीत सिहँ बाली said...

जनता भी सोई हुई है जनाब। कहीं कोई आवाज नही उठ रही...अब क्या किया जाए बस! भुगतो अपनी करनी का फल।

AveragePeoples said...

not updating with new news

AveragePeoples said...

not updating with new news now a days.